SBI Scheme September 2025 – अगर आप छोटी रकम को बड़े और नियमित मासिक आय में बदलने का तरीका ढूंढ रहे हैं, तो यह “SBI की धांसू स्कीम” वाला आइडिया आपके काम आ सकता है। मान लें कि 15 सितंबर 2025 से आप सिर्फ ₹1 लाख एकमुश्त निवेश करते हैं और उसका लक्ष्य “पेंशन जैसी” हर महीने मिलने वाली इनकम बनाना है। यहां समझिए कि वास्तविक बैंक योजनाओं में रिटर्न बाज़ार, अवधि और प्रोडक्ट पर निर्भर होते हैं; अत: ₹44,000/माह जैसी राशि केवल उदाहरणात्मक है। सही प्लानिंग के लिए आपको अवधि, ब्याज दर, जोखिम, टैक्स और लिक्विडिटी को बैलेंस करना होगा ताकि आपकी मासिक ज़रूरतें आराम से पूरी हो सकें।

स्कीम कैसे काम कर सकती है (उदाहरण से समझें)
मान लीजिए आप ₹1 लाख को ऐसे उत्पादों में लगाते हैं जहां मासिक पेआउट का विकल्प उपलब्ध है—जैसे कुछ बैंक एफडी में मासिक ब्याज, ऋण फंड के सिस्टमेटिक विड्रॉल प्लान (SWP), या एन्युटी जैसे उत्पाद। मासिक “इनकम” दरअसल आपके मूलधन+ब्याज/मुनाफे से निकली राशि होती है, जो चुनी गई अवधि के अनुसार बदलती रहती है। यदि अनुमानित रिटर्न 7–9% वार्षिक है, तो वास्तविक मासिक नक़दी प्रवाह ₹44,000 से बहुत कम होगा; इसलिए अधिक मासिक आय के लिए या तो बड़ा निवेश, लंबी अवधि, या उच्च जोखिम वाले हाइब्रिड विकल्पों का सहारा लेना पड़ सकता है। हमेशा शर्तें पढ़ें।
किन बातों का ध्यान रखें (जोखिम, टैक्स, लिक्विडिटी)
सबसे पहले सुरक्षा: बैंक-सम्बद्ध सुरक्षित विकल्पों में मूलधन अपेक्षाकृत सुरक्षित होता है, पर रिटर्न सीमित हैं। मार्केट-लिंक्ड फंड्स ज्यादा दे सकते हैं, पर उतार-चढ़ाव रहेगा। दूसरी बात टैक्स: ब्याज/कैपिटल गेन पर लागू नियम आपकी नेट इनकम घटा सकते हैं, इसलिए 80C, 80TTB या इंडेक्सेशन जैसे प्रावधानों को समझें। तीसरी बात लिक्विडिटी: इमरजेंसी के लिए कुछ हिस्सा सेविंग/स्वीप-इन में रखें। चौथी बात खर्च: एन्युटी/फंड्स के चार्जेस और समयपूर्व निकासी पर पेनल्टी आपकी वास्तविक आय पर असर डालते हैं। समग्र प्लानिंग से ही लक्षित नक़दी प्रवाह बनता है।
किस प्रोफ़ाइल के लिए उपयुक्त, और कैसे शुरू करें
यदि आपकी उम्र 30–45 है और लक्ष्य “भविष्य की पेंशन जैसी आय” बनाना है, तो एसटीपी/एसडब्ल्यूपी के साथ लंबे समय तक निवेश बढ़ाते हुए आगे चलकर मासिक निकासी प्लान कर सकते हैं। यदि आप 50+ हैं और स्थिरता चाहते हैं, तो एफडी के मासिक ब्याज, सीनियर-सिटिजन डिपॉज़िट्स, या कम-जोखिम फंड्स का मिश्रण बेहतर रहेगा। शुरुआत में अपने मासिक लक्ष्य (जैसे ₹15–20 हजार) तय करें, फिर रिवर्स-केलकुलेट करके निवेश राशि, अवधि और उत्पाद चुनें। शाखा/रिलेशनशिप मैनेजर से स्कीम की T&C, ब्याज क्रेडिट की तारीखें और प्रीमैच्योर नियम लिखित में लें।
क्या ₹1 लाख से ₹44,000/माह संभव है? यथार्थवादी गणित
सीधी बात: सामान्य बैंक/फंड रिटर्न के साथ ₹1 लाख से ₹44,000 प्रति माह निकालना व्यावहारिक नहीं है—यह तो मूलधन बहुत जल्दी खत्म कर देगा। “₹44,000/माह” को पाना है तो या तो बड़ा कोष (उदाहरण: ₹30–60 लाख+), या बहुत उच्च जोखिम वाला मार्ग चाहिए, जो अधिकांश निवेशकों के लिए उचित नहीं। इसलिए इस आंकड़े को “हाइपरबोलिक उदाहरण” मानें और अपनी आय आवश्यकताओं के अनुरूप यथार्थवादी लक्ष्य तय करें। बेहतर रास्ता: SIP/FD लैडर, हाइब्रिड फंड्स, और रिटायरमेंट-एन्युटी का कॉम्बो, ताकि टिकाऊ, टैक्स-स्मार्ट और स्थिर कैश फ्लो मिल सके।